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Pritampuri Village in Hindi

प्रीतमपुरी   भारत के राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है | निर्देशांक :    27°35'36"N   75°45'14"E . यह बहुत प्राचीन गांव है | आधुनिक सुविधाओं से यह गांव बहुत संपन्न है | इस गांव की आबादी साल २०११ की जनगणना के अनुसार ९१६८ है , जिसमे ४ , ७१६ पुरुष और ४ , ४५० महिलाये शामिल थी | यहा प्राइवेट और सरकारी बसों दोनों का परिवहन उपलब्ध है |  प्राथमिक चिकित्सालय और पशु चिकित्सालय भी है , इसके साथ साथ ये गांव शिक्षा के क्षेत्र में भी अव्वल है |   Gram Panchayat : Pritam Puri i Block / Tehsil : Neem Ka Thana District : Sikar State : Rajasthan Pincode : 332708 Area : 4445.48 hectares Population : 9,168 Households : 1,559 Nearest Town : Nearest R

बालाजी धाम प्रीतमपुरी मेला 2019

                                                        सबसे  पहले आपको   और   आपके  परिवार  को  दिनेश सिंह  की तरफ से   होली  के   त्यौहार  की  हार्दिक बधाईया |                                                                                                                              मेले का नाम सुनते ही बच्चो के चेहरे पर ख़ुशी और बड़ो को अपना बचपन याद आ जाता है | मेला व्यापारिक हो या धार्मिक उसमे हर धर्म के लोग शामिल हो सकते है | हमारे देश में रोज कही न कही मेला लगता है ,जो की लोगो को एक दूसरे से मिलाता है |                                                           इसी प्रकार बालाजी धाम प्रीतमपुरी का मेला भी हर साल आयोजित किया जाता है  |इस साल यह मेला 25 मार्च को आयोजित किया जायेगा |  इस दिन को गांव एक उत्सव के रूप में मनाता है | गांव के जितने भी लोग बाहर रहते है वो सभी इस दिन गांव में जरूर आते है | इस मेले में भारतीय संस्कृति के अनुरूप (अतिथि देवो भवः) की परम्परा का पालन करते हुए बाहर से आये सभी श्रदालुओ की सेवा का विशेष प्रबंध किया जाता है | उनको निःशुल्क

BALAJI DHAM PRITAMPURI

                                                         वैसे तो आपने बहुत से बालाजी के धाम देखे होंगे लेकिन प्रीतमपुरी के बालाजी का धाम अपने आप में विशेष है | इसका कारण यह है इसकी  भौगोलिक स्थिति , जी हाँ यह मंदिर पहाड़ की चोटी पर स्थित है, जहां से हमें गांव का बहुत ही सुन्दर नजारा देखने को मिलता है | यह धाम बहुत प्राचीन है और यहां दूर दराज से लोग आते है | जो भी भक्त यहां दर्शन करने आते है उनकी मनोकामना पूर्ण होती है, यह इस धाम की विशेष बात है | इस मंदिर की मूर्ति की स्थापना राजपूत बाईसा(रूप कँवर) ने अज्ञात वर्ष में  राजपूत मोह्ल्ले में नीम के पेड़ के नीचे की थी | लेकिन अपरिहार्य कारणों से बालाजी की मूर्ति अपनेआप उस स्थान से सीधे ऊपर पहाड़ की चोटी पर विराजमान हो गई | तब से लेकर आज तक वही पर बालाजी का स्थान है |